Right To Recall Movement

 

Right To Recall Movement


हम आरटीआर (RTR) से है। हमारे पास भारत की सभी समस्याओ का समाधान है। माननीय नागरिको, हम रिकाॅलिस्ट भारत के नागरिकों को वोट वापसी पासबुक जारी करवाने के लिए कार्य कर रहे है । अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, स्वीडन देशों में वोट वापसी क़ानून एवं जूरी सिस्टम होने की वजह से वहां जज-पुलिस-नेताओं के भ्रष्टाचार में कमी आयी, और वे तकनीकी विकास में अन्य देशों से आगे निकल गए । 


यदि आप वोट वापसी क़ानून चाहते हैं तो कृपया इस मांग को आगे बढ़ाने के लिए हमारा (RTR का) समर्थन करें । 


“अहिंसामूर्ती महात्मा उधम सिंह जी’’ से प्रेरणा लेने वाले कार्यकर्ता जूरी कोर्ट, वोट वापसी पासबुक, रिक्त भूमि कर एवं धनवापसी पासबुक क़ानून ड्राफ्ट्स के नेतृत्व में जन आन्दोलन खड़ा करने के लिए प्रयासरत है। 


हमने देश की विभिन्न समस्याओं जैसे गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी, भ्र्ष्टाचार, थानो-अदालतों का भ्रष्टाचार, जमीन के बढ़ते रेट, तकनीकी विकास, आयातित हथियारों पर भारतीय सेना की निर्भरता, सिकुड़ता हिन्दू धर्म, गौ हत्या, अमेरिकी-ब्रिटिश हथियार निर्माताओं का बढ़ता नियंत्रण, बढ़ता सांप्रदायिक तनाव आदि एवं देश की अन्य समस्याओं के समाधान के लिए 30 क़ानून ड्राफ्ट्स प्रस्तावित किये है। प्रत्येक क़ानून अलग अलग समस्या का समाधान करता है। इस लेख में आरटीआर (RTR) द्वारा प्रस्तावित कुछ मुख्य क़ानून ड्राफ्ट्स के संक्षिप्त विवरण दिए गए है।


आरटीआर का (RTR) मुख्य एजेंडा संक्षेप में :-

1) वोट वापसी मुख्यमंत्री का प्रस्तावित कानून गेजेट में छपवाना :-

(i) 9 धाराओ का यह क़ानून मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री को वोट वापसी के दायरे में लाता है। तब यदि मुख्यमंत्री जबरदस्ती टीकाकरण एवं लॉकडाउन जैसे गलत कानून छापते है, तो राज्य के मतदाता वोट वापसी पासबुक का प्रयोग करके मुख्यमंत्री को बदल सकेंगे। 

(ii) नागरिको द्वारा निकाले जाने के भय के कारण मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री फार्मा कंपनियों को मुनाफा देने वाले और नागरिकों को हानि पहुँचाने वाले क़ानून लागू करने की हिम्मत नहीं दिखाएंगे।


2) प्रत्येक निरपराध भारतीय नागरिक को कानूनन बंदूक दिलाना :-

(i) सरकार द्वारा छापा गया 1963 का नोटिफिकेशन कर्नाटक के कूर्ग जिले के प्रत्येक नागरिक को बिना लाइसेंस बंदूक रखने का अधिकार देता है। इस नोटिफिकेशन में हमारे जिले का नाम छपवाना, ताकि हमारे जिले के नागरिक कानूनन बिना लाइसेंस बंदूक रख सके। 

(ii) उल्लेखनीय है कि, अमेरिका में पुलिस के पास 40 लाख, एवं सेना के पास 45 लाख बंदूके है, लेकिन वहां आम नागरिकों के पास 40 करोड़ बंदूकें है। अमेरिका में कुल 13 करोड़ परिवार है, और उनमें सबसे गरीब 2 करोड़ परिवारों में से 1.5 करोड़ से ज्यादा परिवारों के पास बंदूके है। और यह सबसे बड़ी वजह रही कि वहां पर सरकार डंडे के जोर से फ़ोर्स वैक्सीनेशन एवं लॉकडाउन लागू करने में सफल नहीं हो सकी। 


3) धन वापसी पासबुक का कानून गेजेट में छपवाना :-

(i) यह क़ानून खनिजों की लूट पर रोक लगाता है। इस कानून के आने के बाद सभी खदानों एवं सरकारी जमीनों को सिर्फ लीज / किराए पर दिया जा सकेगा और इन्हें हमेशा के लिए बेचा नहीं जा सकेगा।

(ii) देश के समस्त खनिज+स्पेक्ट्रम+सरकारी भूमि से प्राप्त रॉयल्टी एवं किराया 135 करोड़ भारतीयों का संयुक्त खाता' नामक बैंक एकाउंट में जमा होगी। इस राशि का 65% प्रत्येक माह सभी भारतीयों में बराबर बंटेगा, और 35% सेना पर खर्च होगा। प्रत्येक नागरिक को मिलने वाली यह राशि 500 रू से 1000 रू के बीच हो सकती है।

(iii) केंद्र सरकार के स्वामित्व के सभी सार्वजनिक उपक्रमो को होने वाले शुद्ध लाभ (इसमें PSUs के स्वामित्व वाले सभी शेयर, बांड आदि से उपार्जित आय भी शामिल है) का 65% हिस्सा भी मासिक भारतीय नागरिको में बराबर रूप से प्रतिमाह वितरित किया जायेगा।


4) प्रस्तावित वोइक (WOIC) क़ानून गेजेट में छपवाना :-

(i) 16 धाराओं के इस प्रस्तावित क़ानून के गेजेट में आने से संवेदनशील क्षेत्रो जैसे मीडिया, फार्मा, बैंकिंग, हथियार, रेलवे, कृषि, खनन आदि में विदेशी निवेश पर रोक लग जायेगी। 

(ii) यह क़ानून मॉरिशस ट्रीटी को भी रद्द करता है। उल्लेखनीय है कि, मॉरिशस ट्रीटी के कारण टेक्स हेवन देशो के माध्यम से निवेश करने वाली विदेशी बैंकिंग कंपनियों को भारत में बेहद कम आयकर (अधिकतम 7.5%) चुकाने होते है।

(iii) इस क़ानून के गेजेट में आने से WTO एग्रीमेंट निष्प्रभावी हो जाएगा।


5) स्वदेशी कारखानों / दुकानदारों को बचाने के लिए GST हटाकर रिक्तभूमिकर लाना :-

(i) रिक्त भूमि कर (Empty Land Tax)आने के बाद माल बनाने, माल खरीदने, माल बेचने, स्टॉक रखने, ट्रांसपोर्ट करने आदि पर न तो कोई टेक्स चुकाना होगा, और न ही कारोबारी को इसका हिसाब सरकार को देना होगा। करदाता साल में 1 बार सिर्फ रिक्त भूमि कर का रिटर्न भरेगा। यदि वह आयकर के दायरे में आता है, तो आयकर रिटर्न उसे अलग से भरना होगा। चुकाए गये आयकर को देय रिक्त भूमि कर में से घटा दिया जाएगा। ताकि करदाता पर दोहरा कराधान न आये। 

(ii) यह क़ानून भूमि पर कर नहीं लगाता, बल्कि अनुपयोगी एवं अकार्यशील पड़ी भूमि को कर के दायरे में लेता है। यदि आपके या आपके परिवार के पास अतिरिक्त अकार्यशील भूमि नहीं है तो आपको यह कर नहीं चुकाना होगा। रिक्त भूमि कर की दर सालाना 1% होगी। रिक्त भूमि कर से इतना राजस्व आ जाएगा कि GST की जरूरत नहीं रह जायेगी। रिक्त भूमि कर आने से कारखाने / दूकान आदि लगाने की लागत में कमी आयेगी।


6) देशी नस्ल के गौ वंश को बचाने के लिए प्रस्तावित गौ नीति :-

(i) मुख्यमंत्री एक गौ कल्याण मंत्री की नियुक्ति करेंगे। गौ मंत्री राज्य में देशी भारतीय नस्ल की गाय के सरंक्षण एवं देशी गाय के सभी उत्पादों आदि को बढ़ावा देने के लिए नीतिनिर्धारण, प्रबंधन एवं नियमन करेगा। गौ कल्याण मंत्री वोट वापसी के दायरे में होगा और यदि वह ठीक से काम नहीं कर रहा है तो राज्य के नागरिक वोट वापसी पासबुक का प्रयोग करके उसे निकालने के लिए अपनी स्वीकृति दर्ज करवा सकेंगे।

(ii) यदि गौ हत्या, गौ तस्करी, गौ उत्पादों में हानिकर रसायनों की मिलावट आदि शिकायतें आती है तो मामले की सुनवाई जज की जगह नागरिको की जूरी करेगी। आरोपी की हैसियत एवं अपराध की गंभीरता के अनुसार जूरी में 12 से 1500 तक जूरी सदस्य हो सकेंगे। गौ कल्याण मंत्री एवं उसका स्टाफ भी जूरी द्वारा सुनवाई के दायरे में रहेगा।


7) हिन्दू धर्म के प्रशासन को मजबूत बनाने के लिए प्रस्तावित हिन्दू बोर्ड :-

(i) यह क़ानून 'शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी' की तर्ज पर हिन्दुओ के लिए एक राष्ट्रीय हिन्दू बोर्ड नामक धार्मिक ट्रस्ट का गठन करेगा। इस ट्रस्ट का अध्यक्ष हिन्दू बोर्ड प्रधान कहलायेगा। भारत का प्रत्येक हिन्दू नागरिक इस बोर्ड का वोटिंग मेम्बर बन सकेगा।

(ii) यदि बोर्ड प्रधान या उसके स्टाफ के खिलाफ कोई शिकायत आती है तो मामले को सुनने और दंड देने की शक्ति जजों की जगह हिन्दू नागरिको की जूरी के पास रहेगी। यह क़ानून सरकार द्वारा हथियाये जा चुके देवालयों को भी सरकारी नियन्त्रण से मुक्त करता है।


8) जनमत संग्रह के जैसी प्रक्रिया के लिए टीसीपी क़ानून गेजेट में छपाना :-

(i) टीसीपी 3 धाराओं का एक प्रस्तावित कानून है जिसे किसी एक जिले या एक राज्य या पूरे देश में लागू किया जा सकता है। टीसीपी क़ानून आने के बाद अमुक जिले / राज्य के मतदाता SMS भेजकर या पटवारी कार्यालय में जाकर अपनी हाँ / ना दर्ज करवा सकेंगे कि वे अपने जिले / राज्य में बाध्यकारी टीकाकरण, बाध्यकारी लॉकडाउन एवं बाध्यकारी मास्क का क़ानून या कोई ऐसा अन्यायपूर्ण क़ानून चाहते है या नहीं।

(ii) अत: इस कानून के आने से अमुक जिले / राज्य के नागरिक बहुमत का प्रयोग करके बाध्यकारी टीकाकरण, बाध्यकारी लॉकडाउन एवं बाध्यकारी मास्क का कानून लोकतांत्रिक रूप से रद्द करवा सकेंगे। 

(iii) यदि किसी जिले के 4 विधायक चाहे तो जिला स्तरीय टीसीपी क़ानून को अपने जिले में लागू करवा सकते है। और मुख्यमंत्री चाहे तो इसे अपने राज्य में लागू कर सकते है।


9) ज्यूरी कोर्ट #JuryCourt  :- यह कानून अदालतों, थानों , स्कूलों, अस्पतालों, बैंक, मीडिया, अन्य केन्द्रीय, राज्य एवं जिला स्तरीय सरकारी विभागों का भ्रष्टाचार दूर करेगा। यह कानून प्रधानमन्त्री द्वारा लागू किया जायेगा। 

(i) जूरी कोर्ट कानून आने के पश्चात जिला और राज्य स्तर के सभी अधिकारी वोट वापसी दायरे के अंदर होंगे। यदि कोई अधिकारी भ्रष्ट आचरण कर रहा है या फिर भ्रष्टाचार फैला रहा है तो राज्य के नागरिक वोट वापसी पासबुक का इस्तेमाल करते हुए अधिकारियों को नौकरी से हटा सकते हैं। 

(ii) नौकरी खो देने का भय से अधिकारी अच्छा आचरण करेंगे। बिना दंड के कोई नहीं सुधरता।


अगर आप विस्तृत रूप से समझना चाहते हैं तो आरटीआर (RTR) द्वारा दिया गया सभी समस्याओ का समाधान मेनिफेस्टो पढ़िए।

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