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Right To Recall Movement

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  Right To Recall Movement हम आरटीआर (RTR) से है। हमारे पास भारत की सभी समस्याओ का समाधान है। माननीय नागरिको, हम रिकाॅलिस्ट भारत के नागरिकों को वोट वापसी पासबुक जारी करवाने के लिए कार्य कर रहे है । अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, स्वीडन देशों में वोट वापसी क़ानून एवं जूरी सिस्टम होने की वजह से वहां जज-पुलिस-नेताओं के भ्रष्टाचार में कमी आयी, और वे तकनीकी विकास में अन्य देशों से आगे निकल गए ।  यदि आप वोट वापसी क़ानून चाहते हैं तो कृपया इस मांग को आगे बढ़ाने के लिए हमारा (RTR का) समर्थन करें ।  “अहिंसामूर्ती महात्मा उधम सिंह जी’’ से प्रेरणा लेने वाले कार्यकर्ता जूरी कोर्ट, वोट वापसी पासबुक, रिक्त भूमि कर एवं धनवापसी पासबुक क़ानून ड्राफ्ट्स के नेतृत्व में जन आन्दोलन खड़ा करने के लिए प्रयासरत है।   हमने देश की विभिन्न समस्याओं जैसे गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी, भ्र्ष्टाचार, थानो-अदालतों का भ्रष्टाचार, जमीन के बढ़ते रेट, तकनीकी विकास, आयातित हथियारों पर भारतीय सेना की निर्भरता, सिकुड़ता हिन्दू धर्म, गौ हत्या, अमेरिकी-ब्रिटिश हथियार निर्माताओं का बढ़ता नियंत्रण, बढ़ता सांप्रदायिक तनाव आदि एवं देश की अ

कर प्रणाली : वास्तविक अर्थशास्त्र एवं इसका महत्त्व

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   कर प्रणाली : वास्तविक अर्थशास्त्र एवं इसका महत्त्व   अर्थशास्त्र में दो चीजे शामिल होती है : 1. सरकार द्वारा पैसा इकट्ठा करने के तरीके और 2. सरकार द्वारा पैसा खर्च करने के तरीके सारा अर्थशास्त्र अंततोगत्वा इन दो तरीको का विवरण है। अर्थशास्त्र के सभी विचारो, धारणाओ, नीतियों, सिद्धांतो आदि का अध्ययन इस नतीजे पर पहुँचने के लिए किया जाता है कि, सरकार पैसा किधर से लाएगी और कहाँ खर्च करेगी। ज्यादातर से भी ज्यादातर आर्थिक विशेषग्य अपनी पूरी जिन्दगी अर्थशास्त्र के सिद्धांतो पर ही जुगाली करते है, और इस नतीजे पर स्पष्ट रूप से कभी नहीं पहुंचना चाहते कि, पैसा इकट्ठा करने का तरीका क्या होना चाहिए। खंड - १ (1) पैसा इकट्ठा करना : यहाँ पैसा इकट्ठा करने में 2 मदें शामिल है। आंतरिक लेनदेन करने के लिए सरकार को रुपया चाहिए, और अंतराष्ट्रीय लेन देन के लिए डॉलर। 1.1. रुपया : रूपये लाने के लिए सरकार टेक्स लगाती है। अत: आधा अर्थशास्त्र यह तय करना है कि, किस चीज पर कितना टेक्स लगाना है। बस, ये इतना ही है। सरकार की आर्थिक निति जो भी हो उससे देश की अर्थव्यवस्था पर कोई फर्क नहीं पड़ता। सिर्फ एक चीज से फर्क पड़

धनवापसी पासबुक - खनिजो की लूट रोकने के लिए प्रस्ताव

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  धनवापसी पासबुक - खनिजो की लूट रोकने के लिए प्रस्ताव (1) परिचय : यह क़ानून देश के खनिजो की लूट रोकने के लिए लिखा गया है। इस प्रस्तावित कानून के गेजेट में छपने के तुरंत बाद भारत सरकार के नियंत्रण में मौजूद सभी खनिज एवं प्राकृतिक संसाधन देश के नागरिको की संपत्ति घोषित हो जायेंगे, और 30 दिनों के भीतर प्रत्येक मतदाता को एक धनवापसी पासबुक मिलेगी। तब देश के समस्त खनिज+स्पेक्ट्रम+सरकारी भूमि से प्राप्त होने वाली रॉयल्टी एवं किराया “135 करोड़ भारतीयों का संयुक्त खाता" नामक बैंक एकाउंट में जमा होगा। इकट्ठा हुयी इस राशि का 65% हिस्सा सभी भारतीयों में बराबर बांटा जाएगा और 35% हिस्सा सेना के खाते में जाएगा। प्रत्येक भारतीय जो राशि हर महीने प्राप्त करेगा उसकी एंट्री धन वापसी पासबुक में आएगी। खनिजो की नीलामी करके पैसा इकठ्ठा करने वाला राष्ट्रिय खनिज रॉयल्टी अधिकारी धन वापसी पासबुक में दायरे में होगा और नागरिक पटवारी कार्यालय में जाकर उसे नौकरी से निकालने के लिए अपनी स्वीकृति दे सकेंगे। यदि खनिज अधिकारी या उसके स्टाफ के खिलाफ घपला करने की या अन्य कोई शिकायत आती है तो सुनवाई करने और दंड देने की