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सितंबर, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

कर प्रणाली : वास्तविक अर्थशास्त्र एवं इसका महत्त्व

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   कर प्रणाली : वास्तविक अर्थशास्त्र एवं इसका महत्त्व   अर्थशास्त्र में दो चीजे शामिल होती है : 1. सरकार द्वारा पैसा इकट्ठा करने के तरीके और 2. सरकार द्वारा पैसा खर्च करने के तरीके सारा अर्थशास्त्र अंततोगत्वा इन दो तरीको का विवरण है। अर्थशास्त्र के सभी विचारो, धारणाओ, नीतियों, सिद्धांतो आदि का अध्ययन इस नतीजे पर पहुँचने के लिए किया जाता है कि, सरकार पैसा किधर से लाएगी और कहाँ खर्च करेगी। ज्यादातर से भी ज्यादातर आर्थिक विशेषग्य अपनी पूरी जिन्दगी अर्थशास्त्र के सिद्धांतो पर ही जुगाली करते है, और इस नतीजे पर स्पष्ट रूप से कभी नहीं पहुंचना चाहते कि, पैसा इकट्ठा करने का तरीका क्या होना चाहिए। खंड - १ (1) पैसा इकट्ठा करना : यहाँ पैसा इकट्ठा करने में 2 मदें शामिल है। आंतरिक लेनदेन करने के लिए सरकार को रुपया चाहिए, और अंतराष्ट्रीय लेन देन के लिए डॉलर। 1.1. रुपया : रूपये लाने के लिए सरकार टेक्स लगाती है। अत: आधा अर्थशास्त्र यह तय करना है कि, किस चीज पर कितना टेक्स लगाना है। बस, ये इतना ही है। सरकार की आर्थिक निति जो भी हो उससे देश की अर्थव्यवस्था पर कोई फर्क नहीं पड़ता। सिर्फ एक चीज से फर्क पड़

धनवापसी पासबुक - खनिजो की लूट रोकने के लिए प्रस्ताव

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  धनवापसी पासबुक - खनिजो की लूट रोकने के लिए प्रस्ताव (1) परिचय : यह क़ानून देश के खनिजो की लूट रोकने के लिए लिखा गया है। इस प्रस्तावित कानून के गेजेट में छपने के तुरंत बाद भारत सरकार के नियंत्रण में मौजूद सभी खनिज एवं प्राकृतिक संसाधन देश के नागरिको की संपत्ति घोषित हो जायेंगे, और 30 दिनों के भीतर प्रत्येक मतदाता को एक धनवापसी पासबुक मिलेगी। तब देश के समस्त खनिज+स्पेक्ट्रम+सरकारी भूमि से प्राप्त होने वाली रॉयल्टी एवं किराया “135 करोड़ भारतीयों का संयुक्त खाता" नामक बैंक एकाउंट में जमा होगा। इकट्ठा हुयी इस राशि का 65% हिस्सा सभी भारतीयों में बराबर बांटा जाएगा और 35% हिस्सा सेना के खाते में जाएगा। प्रत्येक भारतीय जो राशि हर महीने प्राप्त करेगा उसकी एंट्री धन वापसी पासबुक में आएगी। खनिजो की नीलामी करके पैसा इकठ्ठा करने वाला राष्ट्रिय खनिज रॉयल्टी अधिकारी धन वापसी पासबुक में दायरे में होगा और नागरिक पटवारी कार्यालय में जाकर उसे नौकरी से निकालने के लिए अपनी स्वीकृति दे सकेंगे। यदि खनिज अधिकारी या उसके स्टाफ के खिलाफ घपला करने की या अन्य कोई शिकायत आती है तो सुनवाई करने और दंड देने की

भारत के खनिजो एवं प्राकृतिक संसाधनों की लूट

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  भारत के खनिजो एवं प्राकृतिक संसाधनों की लूट [खनिजो की लूट एवं सरकारी जमीनों का भ्रष्टाचार रोकने के लिए हमारा प्रस्ताव धनवापसी पासबुक जारी करने का है। धनवापसी पासबुक का प्रस्तावित कानून ड्राफ्ट देखने के लिए कृपया लिंक देखें।  https://drive.google.com/drive/u/0/mobile/folders/1-ECjeeJKDzWIprpS5f4pL0SFEPGEpHHd?usp=drive_open (1) खनिजो की लूट : पिछले 400 वर्षो से खनिज ऐसा क्षेत्र में जिसमें भ्रष्टाचार कम और लूट ज्यादा है। बड़े पैमाने पर खनिज लूटने के लिए जजों से लेकर पुलिस एवं नेताओं से गठजोड़ / नियंत्रण की जरूरत होती है। बड़े स्तर पर लूट चलाने वाला वर्ग पीएम / सीएम आदि को नियंत्रित कर लेता है, और छोटे स्तर के कारोबारी स्थानीय नेता-जज-अधिकारीयों से गठजोड़ बना लेते है। ईस्ट इण्डिया कम्पनी खनिज लटने के धंधे में थी। पेड मीडिया के प्रायोजक यानी अमेरिकी-ब्रिटिश हथियार निर्माता पिछले 400 सालों से यह कारोबार कर रहे है। पहले उन्होंने निर्णायक हथियार बनाए और फिर उन्होंने माइनिंग कंपनियां भी खोली। खनन में काफी आधुनिक मशीनरी का इस्तेमाल होता है, और ये मशीने सिर्फ कुछ गिनी चुनी कंपनियों को ही बनानी