कर प्रणाली : वास्तविक अर्थशास्त्र एवं इसका महत्त्व
कर प्रणाली : वास्तविक अर्थशास्त्र एवं इसका महत्त्व अर्थशास्त्र में दो चीजे शामिल होती है : 1. सरकार द्वारा पैसा इकट्ठा करने के तरीके और 2. सरकार द्वारा पैसा खर्च करने के तरीके सारा अर्थशास्त्र अंततोगत्वा इन दो तरीको का विवरण है। अर्थशास्त्र के सभी विचारो, धारणाओ, नीतियों, सिद्धांतो आदि का अध्ययन इस नतीजे पर पहुँचने के लिए किया जाता है कि, सरकार पैसा किधर से लाएगी और कहाँ खर्च करेगी। ज्यादातर से भी ज्यादातर आर्थिक विशेषग्य अपनी पूरी जिन्दगी अर्थशास्त्र के सिद्धांतो पर ही जुगाली करते है, और इस नतीजे पर स्पष्ट रूप से कभी नहीं पहुंचना चाहते कि, पैसा इकट्ठा करने का तरीका क्या होना चाहिए। खंड - १ (1) पैसा इकट्ठा करना : यहाँ पैसा इकट्ठा करने में 2 मदें शामिल है। आंतरिक लेनदेन करने के लिए सरकार को रुपया चाहिए, और अंतराष्ट्रीय लेन देन के लिए डॉलर। 1.1. रुपया : रूपये लाने के लिए सरकार टेक्स लगाती है। अत: आधा अर्थशास्त्र यह तय करना है कि, किस चीज पर कितना टेक्स लगाना है। बस, ये इतना ही है। सरकार की आर्थिक निति जो भी हो उससे देश की अर्थव्यवस्था पर कोई फर्क नहीं पड़ता। सिर्फ एक चीज से फर्क पड़