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सितंबर, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

रफाल जेट से भारत की कौन सी सैन्य कमी पूरी होगी?

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रफाल जेट से भारत की कौन सी सैन्य कमी पूरी होगी ? भारत फाइटर प्लेन्स के इंजन नहीं बनाता, अत: हम अपनी सेना चलाने के लिए विदेशियों के लड़ाकू विमानो पर बुरी तरह से निर्भर है। इस स्थिति में हमारे पास 2 विकल्प बचते है : 1. हम गेजेट में वे आवश्यक क़ानून प्रकाशित करें जिससे हम फाइटर प्लेन बनाने की क्षमता जुटा सके।  2. हम विदेशियों से लड़ाकू विमान ख़रीदे। मैं बिंदु 1 में दिए गए विकल्प पर काम करने के मानता हूँ, और विदेशी हथियारों को खतरे के रूप में देखता हूँ। वजह यह है कि विदेशी हथियारों के कारण भारत की सेना युद्ध लड़ने के लिए विदेशियों पर निर्भर हो जाती है। (1) 1967 की बात है, तब अमेरिका ने भारत को आने वाली गेंहू की सप्लाई को बाधित कर दिया था। भारत का यह गेंहू Public Law-480 के तहत आता था, और अमेरिका इसे बिना किसी वाजिब कारण के रोक नहीं सकता था। अत: उन्होंने परिवहन प्रक्रिया के झमेले डालकर इसकी सप्लाई तोड़ दी जिससे भारत में गेंहू की कमी हो गयी।          दरअसल, इस समय अमेरिका विएतनाम पर बम गिरा रहा था, और इंदिरा जी ने हनोई पर बमबारी करने की आलोचना की थी। और इंदिरा जी के इस बयान से अमेरिकी हथियार निर्म

RIGHT TO RECALL DRAFT

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  राईट टू रिकॉल पार्टी द्वारा प्रस्तावित सभी क़ानून ड्राफ्ट्स के हेश टेग, फेसबुक लिंक एवं पीडीऍफ़ लिंक की सूची (Updated Version) (01) धनवापसी पासबुक  (02) रिक्त भूमि कर  (03) जूरी कोर्ट  (04) राज्य जूरी कोर्ट  (05) जिला जूरी कोर्ट  (06) वोइक  (07) वोट वापसी दूरदर्शन अध्यक्ष  (08) वोट वापसी केन्द्रीय मंत्री  (09) वोट वापसी राज्यमंत्री  (10) हिन्दू बोर्ड  (11) गौ नीति  (12) जूरी पंचायत (13) टू चाइल्ड लॉ  (14) NRCI (15) गन लॉ इण्डिया  (16) स्टेट गन लॉ   (17) डिस्ट्रिक्ट गन लॉ  (18) टीसीपी इण्डिया  (19) स्टेट टीसीपी  (20) डिस्ट्रिक्ट टीसीपी (21) वोट वापसी सांसद  (22) रेडो  (23) रेगो  (24) वोट वापसी सीएम  (25) वोट वापसी पीएम  (26) इतिहास पुनरीक्षण  (27) आरक्षण समायोजन  (28) राईट टू रिकॉल सरपंच  पाठको के लिए निर्देश : (i) इस सूची में कुल 28 क़ानून ड्राफ्ट्स है। जो 3 क़ानून ‘हमारे विचार में’ सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण है उन्हें वरीय क्रम से शीर्ष 3 में रखा गया है। प्राथमिक 3 कानूनों के बाद वरीय क्रम का पालन नहीं किया गया है। (ii) इस सूची में सभी क़ानून ड्राफ्ट्स के पीडीऍफ़ डाउनलोड करने के लिंक दिए गए ह

जब लाखों-करोड़ो लोग चिट्ठियां भेजेंगे तो प्रधानमंत्री कार्यालय इन्हें कैसे पढ़ेगा ?

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जब लाखों-करोड़ो लोग चिट्ठियां भेजेंगे तो प्रधानमंत्री कार्यालय इन्हें कैसे पढ़ेगा ? यदि भारत भर से 5 तारीख को 5 बजे देश के कुल मतदाताओं में से सिर्फ 1% मतदाता यानी 1 करोड़ नागरिक चिट्ठी (पोस्टकार्ड, इन्लेंड लेटर, बुक पोस्ट, लिफाफे आदि) भेजते है तो लगभग 10 तारीख को दिल्ली के मुख्य पोस्टऑफिस में जो 1 करोड़ चिट्ठियां इकट्ठा होगी उनका वजन लगभग 25 टन होगा। और इन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय पहुँचाने के लिए लगभग 25 ट्रको की जरूरत होगी !! और यदि प्रधानमंत्री कार्यालय इन चिट्ठियों पर कार्यवाही नहीं करता है तो अगले महीने 4 गुना नागरिक चिट्ठियां भेजेंगे और तब इन्हें ढ़ोने के लिए 100 ट्रको की जरूरत होगी !!! इस स्थिति में यदि प्रधानमंत्री कोई कदम नहीं उठाते तो 4 करोड़ लोगो के सड़को पर आ जाने से सभी जिलो के कलेक्टर, पुलिस, ट्रेफिक कर्मचारी, डाक कर्मचारीयों, लदान परिवहन आदि के लिए व्यवस्था बनाए रखना और काम करना मुश्किल हो जाएगा। और अगले महीने यह संख्या फिर से बढ़ेगी, या कम से कम उतनी संख्या तो बनी ही रहने वाली है, जितनी पिछले महीने थी !! यदि पीएम इन सभी चिट्ठियों को प्रधानमंत्री कार्यालय में आने की

कंगना बोली गौ मांस खाने में कुछ गलत नहीं है !!

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(1) कंगना का यह ट्विट कहता कि -- गौ मांस खाने में कुछ गलत नहीं है !! यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि, कंगना को गौ मांस भक्षण का इस तरह सार्वजनिक समर्थन करने की कोई जरूरत नहीं थी !! न तो यह उसके पेशे की मांग है और न ही उसकी यह बाध्यता है कि वह हिन्दुओ की भावना को इस तरह आहत करे। . उसे युवाओं को गौ मांस भक्षण के लिए प्रेरित करने की कोई जरूरत नहीं थी !! साथ ही कंगना रनौत ने गौ हत्या पर प्रतिबन्ध लगाने के क़ानून का हमेशा विरोध किया है !! . दरअसल, कंगना को मिशनरीज द्वारा संचालित पेड मीडिया का समर्थन चाहीये। गाय को लेकर पेड मीडिया के प्रायोजको के 4 उद्देश्य है : . (1.1) वे भारत के युवाओ को गौ मांस खाने के लिए प्रेरित करना चाहते है (1.2) वे गौ मांस भक्षण को "सामाजिक स्वीकार्यता" दिलाना चाहते है (1.3) वे भारत में से देशी गाय की नस्ल को ख़त्म करना चाहते है (1.4) वे गाय का इस्तेमाल करके हिन्दू-मुस्लिम तनाव भड़काना चाहते है . कंगना रनौत को पेड मीडिया का सकारात्मक कवरेज चाहिए और इसीलिए वह गौ कशी एवं गौ मांस भक्षण के समर्थन में इस तरह के बयान देती है। और एवज में पेड मीडिया

भाग-3 Right To Recall

भाग – 3 : राईट टू रिकॉल मूवमेंट के नये कार्यकर्ताओ के लिए . इस पोस्ट में नए कार्यकर्ताओ द्वारा अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर करने वाले प्राथमिक विवरण दिए गए है। यह इस श्रुंखला का तीसरा पोस्ट है। पहला पोस्ट यहाँ पढ़ें - https://www.facebook.com/pawan.jury/posts/3210944292357118 . (01) राईट टू रिकॉल आन्दोलन के बारे में सभी जानकारियाँ मुझे कहाँ से मिल सकती है ? . यह आन्दोलन विकेन्द्रित तरीके से काम करता है। अत: ऐसा कोई केन्द्रीय स्त्रोत नहीं है, जहाँ से आपको सभी जानकारियां मिल सके। यह जानकारी आपको कई तरह के स्त्रोतों से जुटानी होगी। ये स्त्रोत निम्नलिखित है : . (a) राईट टू रिकॉल पार्टी का मेनिफेस्टो (b) राईट टू रिकॉल कार्यकर्ताओ की फेसबुक प्रोफाइल पर रखे गए पोस्ट (c) राईट टू रिकॉल का यू ट्यूब चेनल (d) विभिन्न कार्यकर्ताओ द्वारा बनाए गए वीडियो (e) राईट टू रिकॉल कार्यकर्ताओ द्वारा विभिन्न सोशल मीडिया मंचो जैसे कोरा आदि एवं अन्य वेबसाइट्स पर रखे गए पोस्ट (f) अन्य स्त्रोत जिनकी हमें खुद भी जानकारी नहीं है . ये सब मिलाकर हजारो पृष्ठों की सामग्री है। और ये सभी सामग्री इतनी फैली एवं बिखर

भाग- 2 Right To Recall

भाग - 2 : राईट टू रिकॉल मूवमेंट के नये कार्यकर्ताओ के लिए . इस पोस्ट में नए कार्यकर्ताओ द्वारा अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर करने वाले प्राथमिक विवरण दिए गए है । यह इस श्रुंखला का दूसरा पोस्ट है। पहला पोस्ट यहाँ पढ़ें - https://www.facebook.com/pawan.jury/posts/3210944292357118 . (1) मैं राईट टू रिकॉल पार्टी या आन्दोलन से कैसे जुड़ सकता हूँ ? . इस आन्दोलन से जुड़ने के लिए आपको पीएम को चिट्ठी भेजनी होती है, और चिट्ठी की फोटोकॉपी “My Letters to Pm” नाम से बनाए गए रजिस्टर में चिपकाकर रखनी होती है। जैसे ही आप इतना करते है वैसे ही आप इस आन्दोलन में शामिल हो जाते है। . (2) चिट्ठी में क्या लिखना है ? . राईट टू रिकॉल पार्टी ने 27 क़ानून ड्राफ्ट्स प्रस्तावित किये है। इन कानून ड्राफ्ट्स की सूची आप इस पोस्ट में देख सकते है – https://www.facebook.com/pawan.jury/posts/3174332716018276 . उपरोक्त 27 कानूनों में से जिन भी कानूनों का आप समर्थन करते है, उस क़ानून के नाम की हेश आपको पोस्टकार्ड में लिखकर पीएम को भेजनी होती है। उदाहरण के लिए यदि आप जूरी कोर्ट क़ानून का समर्थन करते है तो आपको पोस्टकार्ड

भाग-1 Right To Recall

भाग -1 : राईट टू रिकॉल मूवमेंट के नये कार्यकर्ताओ के लिए . विभिन्न मंचो के माध्यम से कई कार्यकर्ता राईट टू रिकॉल पार्टी के क़ानून ड्राफ्ट्स के बारे में सूचित होते है, और इस आन्दोलन में जुड़ते है। जब नए कार्यकर्ता इस आन्दोलन में आते है तो उनके पास काफी प्रश्न होते है। इस पोस्ट में नए कार्यकर्ताओ द्वारा अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर करने वाले प्राथमिक विवरण दिए गए है : . (1) राईट टू रिकाल आन्दोलन का संक्षिप्त परिचय : . (1.1) अहिंसामूर्ती महात्मा उधम सिंह जी से प्रेरणा लेने वाला यह एक विकेन्द्रित जन आन्दोलन है और राईट टू रिकॉल पार्टी इस जन आन्दोलन का एक हिस्सा है। राईट टू रिकॉल पार्टी के कार्यकर्ता किसी भी प्रकार की घोषणाओं एवं अस्पष्ट वादों में नहीं मानते है, बल्कि सिर्फ कानून ड्राफ्ट में मानते है। अत: पार्टी के मेनिफेस्टो में सिर्फ क़ानून ड्राफ्ट है, और क़ानून ड्राफ्ट के अलावा कुछ नहीं है। राईट टू रिकॉल पार्टी किसी भी प्रकार की विचारधारा में भी नहीं मानती है, सिर्फ क़ानून ड्राफ्ट धारा में मानती है। . (1.2) पार्टी के घोषणा पत्र में कुल 27 क़ानून ड्राफ्ट्स है। इन कानून ड्राफ्ट्स की सूच